Friday, May 29, 2020

MagharLeela_Of_GodKabir


MagharLeela_Of_GodKabir





 The Brahmins of Kashi had spread the rumor that one who dies in Kashi goes to heaven and one who dies in Maghar gets the birth of a donkey.  Kabir Parmeshwar went in front of thousands of people in Maghar to refute this lokveda.



Lord Kabir went from Kaashi to Maghar and left along with his whole body to break the misbelief that those who die in Kaashi will attain liberation and those who die in Maghar will become donkeys. https://t.co/y9DfowlTQc

Tuesday, May 19, 2020

What is human uplift

मानव उत्थान क्या है

What is human uplift , मानव उत्थान क्या है
What is human uplift

मानव उत्थान सेवा समिति 1 गैर सरकारी संस्था है अर्थात संगठन है जो हमेशा मनुष्यों की सेवा के लिए तत्पर रहता है सर्वप्रथम इस समिति को प्रारंभ करने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री सतपाल जी महाराज थे जिन्होंने 1860 मैं इसकी स्थापना की जो उस समय बहुत ही रोचक और लाभदायक सिद्ध साबित हुआ उसमें जरूरतमंद लोगों को सभी चीजों की व्यवस्था की जाने लगी और पूर्णता कहा जाए तो इसको आध्यात्मिक की ओर ले जाया गया क्योंकि आध्यात्मिक से ही मनुष्य का उत्थान हो सकता है वह बुराइयों को त्याग कर सकता है और अपने मनुष्य जीवन को सफल बना सकता है लेकिन वर्तमान समय में मानव उत्थान सेवा समिति से बढ़कर एक और समिति है जो बढ़-चढ़कर सेवा का कार्य कर रही है वह समिति कबीर ट्रस्ट है जो संत रामपाल जी महाराज द्वारा बनाई हुई है उसमें ऐसी कई प्रकार की सेवा चलती हैं जो मनुष्य के लिए जरूरतमंद हैं जैसे रक्तदान ,देह-दान ,नशा मुक्ति अभियान ,दहेज मुक्त भारत  ऐसी बहुत सी बुराइयों को छुड़ाया जाता है और समाज को एक सभ्य समाज बनाने की तैयारी में लगी हुई है कबीर ट्रस्ट समिति। यह समिति पूर्णता दूसरों के लिए कार्य करती है

What is human uplift , शराब पीना पाप है
What is human uplift

आध्यात्मिकता और सेवा समितियां


आध्यात्मिकता का ही श्रेष्ठ माध्यम रखा गया और मनुष्य इस समिति से अधिक जुड़ने लगे और यह समिति हमेशा ही लोगों के लिए तत्पर रही लेकिन वर्तमान में मनुष्य का उत्थान इसलिए हो रहा है क्योंकि मनुष्य स्वयं स्वतंत्र मानता है और वह किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहता वह स्वयं ही अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानता है और किसी के बारे में कहने पर वह बहुत सी वस्तुओं से बात नहीं हो पाता वह अपने अहम में ही जीता है और अहम में ही मर जाता है लेकिन कुछ ऐसे सर्व सेवा संगठन हैं जो जरूरतमंद लोगों को वर्तमान समय में ही लाभ दे रहे हैं और उन्हें पूर्ण तरह से सहयोग कर रहे हैं उनके परिवार के लोगों को बच्चों को शिक्षा और भोजन व्यवस्था का वितरण कर रहे हैं
What is human uplift , मानव सेवा क्या है
What is human uplift


मानव उत्थान को बढ़ावा


 वर्तमान समय में एक सच्चे धर्मगुरु जोकि आध्यात्मिकता के महागुरु माने जाते हैं संत रामपाल जी महाराज वह इस मिशन पर पूर्णता खरे उतरते हैं संत रामपाल जी महाराज का केवल एक ही सपना है जो भी सर्व बुराइयों को त्याग और बलिदान है संत रामपाल जी महाराज ने युवा पीढ़ी को नशा मुक्त और दहेज मुक्त जैसी बुराइयों से बिल्कुल राहत देने का संकल्प लिया है और वह खरे उतर रहे हैं इस संकल्प में क्योंकि संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान को समझकर हर कोई मनुष्य अपनी गंदी आदतों को छोड़ रहा है और एक सभ्य समाज तैयार हो रहा है संत रामपाल जी महाराज अपने ज्ञान में बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार भक्ति करोगे तो ही पूर्ण परमात्मा तक आप पहुंच सकते हो अगर आपने शास्त्रों के अनुसार भक्ति नहीं की तो आप परमात्मा से बहुत दूर हो जाओगे अर्थात आपका कभी भी मुक्त नहीं होगा संत रामपाल जी महाराज हमें शास्त्रों के अनुकूल भक्ति बता रहे हैं जिनसे हमें पूर्ण लाभ होगा और उनके द्वारा बताए हुए मार्ग पर जो भी मनुष्य चलता है वह सभी बुराइयों से दूर हो जाता है।
What is human uplift , संत रामपाल जी
What is human uplift

अधिक जानकारी के लिए आप अवश्य पढ़िए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक जिसमें हमें बताया गया है कि ब्रह्मा विष्णु महेश की जन्म मृत्यु होती है या नहीं और हमें जन्म देने और मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है हमारी जन्म और मृत्यु क्यों होती है ऐसी सभी छुपे हुए रहस्य की सच्चाई जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कीजिए और आप अपना जीवन सफल बनाइए


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Wednesday, May 13, 2020

Declining level of education

वास्तविक शिक्षा का महत्व

शिक्षा का वास्तविक अर्थ है अध्ययन करना जोकि विज्ञान अध्यात्म प्रौद्योगिकी सभी के लिए जरूरी है वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व इतना बढ़ गया है कि अगर कोई भी मनुष्य पढ़ा लिखा नहीं है तो वह एक जानवर के तुल्य माना जा रहा है जबकि यह गलत है क्योंकि शुरुआत में शिक्षा का अभाव होने के कारण कुछ मनुष्य ही शिक्षा प्राप्त कर पाते थे अधिकतर लोग शिक्षा से वंचित रह जाते उसके पीछे कारण भी माना जाता है कि कुछ की आर्थिक स्थिति कमजोर तथा कुछ सामाजिक स्थिति की वजह से शिक्षा से वंचित रह जाते थे इसलिए उन्हें पशु के तुल्य माना जा रहा है मनुष्य आद्यात्मिक को अपनाकर अपना जीवन कल्याण करा सकता है



Shiksha ka girta star,शिक्षा का गिरता स्तर
शिक्षा




संस्थाओं द्वारा शिक्षा को महत्व

शुरुआत में शिक्षा की कमी होने के कारण उद्योगपति वर्ग जो कि 80% शिक्षित था उन्होंने अपना उद्योग चलाने के लिए शिक्षा को एक स्तर दिया जो वर्तमान में गिर रहा है केवल व्यापार ही व्यापार रह गया है उसमें उद्योगपति वर्गों ने शिक्षा को महत्व न देकर केवल व्यापार को महत्व दिया जिससे शिक्षा का महत्व नीचे चला है गया और उद्योगपति वर्ग ऊपर उठ गया जिससे बच्चों को बहुत नुकसान हुआ और बच्चे अशिक्षित रह गए तथा अशिक्षित रहने का कारण एक यह भी था कि संसाधनों की कमी के कारण उच्च वर्ग के लोगों का पूर्ण शिक्षा प्राप्त करना और निम्न वर्ग के लोगों को शिक्षा की कमी  होना रहा है


Shiksha ka girta star
शिक्षा


वर्तमान में शिक्षा का स्तर

वर्तमान में शिक्षा केवल उच्च वर्ग कोई पूर्णता मिल रही है निम्न वर्ग को शिक्षा ना मिलने का कारण एक भ्रष्टाचार नामक राक्षस है जो कि अधिकतर शिक्षा को रोक लगा रहा है इसमें निम्न वर्ग के बच्चों का अधिक शोषण हो रहा है क्योंकि भ्रष्टाचारी अधिक होने के कारण उनकी मांगें पूरी नहीं हो पाती हैं और आर्थिक स्तर का व्यक्ति उनकी मांगों को पूरी ना करने के कारण अपने बच्चों के सपनों को खत्म कर देता है और उन्हें मजदूरी व अन्य व्यवसाय में लगा देता है जिससे कि शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है शिक्षा का स्तर गिरने का एक अन्य कारण यह भी है कि फिल्मों में दिखाई जाने वाली अश्लीलता जो कि युवा वर्ग को अत्यधिक शोषण कर रही है जिसकी जिम्मेदार सिर्फ फिल्म इंडस्ट्रीज है

Shiksha ka girta star
शिक्षा




शिक्षा और आध्यात्मिकता

वर्तमान में अगर माना जाए तो शिक्षा केवल आध्यात्मिकता के लिए ही जरूरी है क्योंकि पढ़ा लिखा इंसान भी वर्तमान समय में एक छोटे से वायरस के कारण घर में बैठा हुआ है और अपना जीवन व्यर्थ कर रहा है क्योंकि हर कोई पढ़ा लिखा इंसान यह कह रहा है कि आध्यात्मिकता का कोई भी मतलब नहीं है अगर उस इंसान से कहा जाए कि आप वर्तमान समय में एक छोटे से वायरस के कारण सभी कार्यों को छोड़कर घर में बैठे हुए हो अगर आपको आध्यात्मिकता का लाभ मिला होता तो आप अपना मानुष जन्म व्यर्थ नहीं कर रहे होते क्योंकि " मनुष्य जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्थर टूट गिरे बहुर ना लगता डाल " एक संत ने बताया है कि आध्यात्मिकता ही सर्वोपरि है क्योंकि अगर हमें शिक्षा प्राप्त है तो वह केवल आध्यात्मिकता के लिए ही है जिससे कि हम अपने धर्म शास्त्रों को खोल कर पूर्ण परमात्मा को पहचान सकें जिससे कि हमारा जन्म मरण का रोग कट सके अर्थात मोक्ष हो सके वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी आध्यात्मिक भक्ति का उद्देश्य बता रहे हैं जोकि हमें पूर्ण मोक्ष का रास्ता बता रहे हैं आप सभी से निवेदन है कि आप सभी नीचे दी गई लिंक पर जाकर जरूर देखें और अपना जीवन व्यर्थ ना होने दें क्योंकि मनुष्य जन्म बहुत मुश्किल से मिलता है इसे केवल भक्ति में ही लगाएं जिससे कि आपको इन 8400000 योनियों में से छुटकारा मिल सके


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शिक्षा आध्यात्मिकता के लिए जरूरी क्यों

शिक्षा आध्यात्मिकता के लिए जरूरी इसलिए है क्योंकि वर्तमान में मनुष्य का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा प्राप्त करना रह गया है वह अपने मुख्य उद्देश्य को भूलकर जिसे मोक्ष कहा जाता है उसे सिर्फ अपना आर्थिक जीवन सुधारने की पड़ी होती है इसलिए वह ना तो कभी अपने शास्त्रों को पड़ता है और ना ही उन में छिपे हुए गुण रहस्य को जानने की कोशिश करता है जिसमें पूर्ण परमात्मा का विवरण दिया हुआ होता है और हमें जो गुरु बनाना होता है वह भी शास्त्रों में दिया हुआ है कि कैसा गुरु हमें बनाना चाहिए इसलिए हमें शिक्षा बहुत जरूरी थी वर्तमान में सच्चे गुरु केवल संत रामपाल जी महाराज ही हैं जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहे हैं और पूर्ण मोक्ष का रास्ता बता रहे हैं जिससे कि हमारा जन्म और मरण का रोग जो कितने लाखों और करोड़ों वर्षों से चल रहा है वह खत्म हो जाए और हम अपने निजधाम अर्थात सतलोक में चले जाएं इसलिए आप सभी भाइयों और बहनों से निवेदन है कि आप ऊपर दी हुई लिंक को जरूर देखें और उसमें दिए हुए शास्त्रों को एक बार जरूर पढ़ें जिससे कि तुम्हारा जीवन सफल हो सके क्योंकि मनुष्य का मुख्य उद्देश्य केवल मोक्ष प्राप्ति करना होता है अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक जो नीचेे  दी गई लिंक को ओपन करके आएगी
पुस्तक के लिए क्लिक करें👉👉📚📚📚

Tuesday, May 12, 2020

वास्तविक परमात्मा कौन है

कबीर परमात्मा किन किन को मिले

हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा जो सारी सृष्टि का मालिक है और जिन्होंने हम सभी जीवो को उत्पन्न किया है वह कबीर जी हैं आप अचानक यह जानकर सोच में पड़ रहे होंगे कि कबीर जी तो एक कवि थे और एक संत थे तो वह परमात्मा कैसे हो सकते हैं तो आपके लिए बता दें कि पूर्ण परमात्मा हर युग में आता है और अपनी लीला करके अपना ज्ञान बता कर कुछ पुण्य आत्मा को सतलोक ( ऐसा स्थान  जिसमे पूर्ण परमात्मा अपने स्वरूप में बैठे हुए हैं और जहां से सभी हंस आत्माएं  इस लोक में आई हैं ) के दर्शन करा कर उनकी दिव्य दृष्टि खोलकर चले जाते है और उसी युग में फिर अपना प्रचारक अथवा तत्वदर्शी संत भेजकर अपनी लीला को पूरी करते हैं ऐसे ही है कबीर परमात्मा जो 1398 में काशी में लहरतारा नामक  तालाब के किनारे अवतरित हुए और नीरू और नीमा नामक 2 जुलाहों ने  उनकी परवरिश की । और उनके पृथ्वी से सतलोक जाने पर उनका शरीर साथ  ही चला गया  क्योंकि पूर्ण परमात्मा सशरीर आते  हैं और शशरीर ही चले जाते हैं इस प्रकार ही कबीर जी का सतलोक जाने के पश्चात शरीर ही चला गया उनके सतलोक गमन के उपरांत उनके शरीर के स्थान पर फूल ही फूल रह गए इसका प्रमाण मगहर में है आप देख सकते है
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वास्तविक परमात्मा कौन है


शास्त्रों में प्रमाण

हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है जो कि सभी धर्म ग्रंथों के हिसाब से एक ही शुद्ध साबित होते हैं जैसे कि बाइबल के  अनुसार पूर्ण परमात्मा जिन्होंने इस सृष्टि की 6 दिन में रचना की और सातवें दिन विश्राम किया और कुरान के अनुसार सूरत फुरकान 25 आयत 52 से 59 में उस अल्लाह का जिक्र किया गया है जो कि किसी बाख़बर  ( वर्तमान में बाखबर केवल संत रामपाल जी महाराज हैं ) के द्वारा ही बताया जा सकता है और पवित्र चारों वेदों में जिनका जिक्र किया गया है वही कबीर परमात्मा है और श्रीमद् भगवत गीता में 18 अध्याय के 66 वे  श्लोक में जिस परमेश्वर की शरण में श्री कृष्ण अर्जुन से जाने को कह रहे हैं वही वास्तविक कबीर परमात्मा है


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वास्तविक परमात्मा कौन है

पूर्ण परमात्मा की लीला

पूर्ण परमात्मा इस सृष्टि पर आकर अपना ज्ञान फैलाते हैं और शिशु रूप में आकर अपने पुण्य कर्मी आत्माओं को दर्शन देकर उनका ज्ञान योग खोल देते हैं जिससे कि उन्हें अपना जन्म मरण के बारे में पता चल सके और पूर्ण परमात्मा मोक्ष का पूरा विवरण बताते हैं जो कि उनके जाने के बाद कोई तत्वदर्शी संत ही बता सकता है जिसका जिक्र गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 तक किया गया है इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि आप उस बाखबर को पहचाने अर्थात उस तत्वदर्शी संत को पहचाने जिसका उल्लेख गीता जी में किया गया है आज के लिए बस इतना ही आप सभी से प्रार्थना है कि इन बातों पर जरूर अमल करें अर्थात आप अपने शास्त्रों से जरूर मिलान करें जिससे कि आपका मनुष्य जन्म व्यर्थ ना जाए और उस तत्वदर्शी संत की खोज करें जो पूर्ण परमात्मा पाने का रास्ता हमें बताता है


Friday, May 8, 2020

सत्य भक्ति क्या है

शास्त्रों में प्रमाण 

सत्यभक्ति,जीने की राह
सत्यभक्ति



शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति ही सही है जो महापुरुष शास्त्रों से हमें प्रमाणित सद्भक्ति बताते हैं वही सच्चे संत कहलाते हैं पूर्ण परमात्मा को शास्त्रों से बताने वाले मनुष्य अर्थात महापुरुष को ही तत्वदर्शी संत कहा जाता है जो हमें पूर्ण परमात्मा तक पहुंचाता है आपको जानकर हैरानी होगी कि पूर्ण परमात्मा जो शास्त्रों से प्रमाणित है वह कबीर परमात्मा है जिसे संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित कर दिया है जो शास्त्रों से मिलान कर दिया है और आप समझोगे कि सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों में भी कबीर साहेब को ही परमात्मा बताया गया है आप अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे
साधना चैंनल,
सत्यभक्ति


मनुष्य जीवन को अगर सफल बनाना है तो सद्भक्ति कीजिए जो कि हमारे शास्त्रों में प्रमाण है तो बताई गई भक्ति है जिसमें आप अपने मनुष्य जीवन को व्यर्थ नहीं जाने दोगे अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक जीने की राह जरूर जिससे कि आपको पता चले कि अब मनुष्य जन्म क्यों हुआ है और हमें जन्म देने और मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है हमारी जन्म और मृत्यु क्यों होती है हमारी आत्मा मरने के बाद कहां जाती है ऐसे बहुत से प्रश्नों के उत्तर जाने इस पुस्तक में जो आपको नीचे लिंक में दी जा रही है

Book link-

जीने की राह,way of living
जीने-की-राह

https://www.jagatgururampalji.org/jeene-ki-rah.pdf






Thursday, May 7, 2020

मांस खाना पाप है


मांस खाने से परमात्मा की प्राप्ति असंभव 

मांस
                               मांस-खाना-पाप

मांस खाने से  परमात्मा-कबीर की प्राप्ति नहीं हो सकती क्योंकि मांस खाना परमात्मा ने नहीं सिखाया परमात्मा की सभी प्यारी आत्माएं होती हैं जिनको अलग अलग तरीके से खाने का प्रबंधन किया है परमात्मा ने मनुष्यों खाने के लिए छोटे छोटे बीजदार फल दिए हैं जिनको खाकर मनुष्य अपने जीवन निर्वाह कर सकता है और मनुष्य केवल भक्ति के लिये ही प्राण धारी शरीर धारण करता है वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के द्वारा बताएं वह ज्ञान से मनुष्य सभी बुराइयों को त्याग रहा है इसलिए आप जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करें और अपना मानव जीवन सफल बनाएं

परमात्मा कौन है

शास्त्रों से प्रमाणित 

Who is real god,who is god
Who is real god




   प्रमाण -        www.jagatgururampalji.org


           शास्त्रों में बताया गया है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है जिन्होंने 6 दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन अपने निजधाम अर्थात सतलोक में जा विराजे परमात्मा वह होता है जो हमेशा अपने बच्चों पर दया करता है परमात्मा अपनी पुण्य आत्मा को अपने पास बुलाने के लिए अपना संदेश वाहक भेजता है जो संत के रूप में प्रसिद्ध होता है वर्तमान में वह संदेशवाहक अर्थात वह संत और कोई नहीं बल्कि संत रामपाल_जी महाराज हैं जो शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बता रहे हैं

Wednesday, May 6, 2020

सद्भक्ति के फायदे

सत भक्ति करने से मनुष्य सुखी रहता है और उन्हें पूर्ण परमात्मा के बारे में पता चलता है कि परमात्मा कैसा है कहां रहता है और किसने देखा है परमात्मा के बारे में जानने के लिए सद्भक्ति करना आवश्यक है

उसके लिए सर्वप्रथम हमने सद्गुरु बनाना चाहिए जो हमें शास्त्रों के अनुकूलित भक्ति बताता हूं और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही एक ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुकूल भक्ति बता रहे हैं इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति विधि को अपनाकर अपना मनुष्य जीवन सफल बनाएं जिससे कि आप 8400000 योनियों में से निकल कर अपना जीवन सफल बना सके और अपनी आत्मा को जहां से आई है वहां पहुंचा सकें जिससे कि आप अलग-अलग योनियों में ना भेजें जैसे कुत्ता सूअर गधा बंदर आदि इसलिए आप सभी से निवेदन है कि आप सभी सद्भक्ति करके अपना मानुष जन्म पार करें क्योंकि कबीर साहिब जी कहते हैं कि मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्थर टूट गिरे बहुर ना लगता डार अर्थात मनुष्य जन्म बहुत ही दुर्लभ है यह बार-बार नहीं मिलता है जिस प्रकार पेड़ से एक बार पत्थर टूट कर गिर जाता है उसी प्रकार मनुष्य जन्म अगर एक बार बैठ चला गया तो दोबारा नहीं मिलता है

नशे से होती हैं कई प्रकार की हानियां

नशे से मनुष्य का जन्म व्यर्थ जाता है जो मनुष्य नशे की लत से चूर हो जाता है वह मनुष्य नरक के समान जीवन जीता है
 
नशा ऐसा होता है जो मनुष्य को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से और कईयों प्रकार से दुख देता है इसलिए इस नशे को त्यागो और अपना मानव जीवन सफल बनाओ वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे जीवन को सुधारने का बीड़ा उठा रहे हैं आप भी उसमें शामिल होकर अपना मानव जीवन कल्याण कराओ

नशा नाश का कारण है

जो व्यक्ति नशा करता है वह इन बातों को अवश्य जान ले
1. वह शरीर का नुकसान कर रहा है

2.वह इंसान अपने परिवार को अंधेरे में डाल रहा है

3. वे अपने शरीर में बहुत सी बीमारियों को पाल रहा है

अगर इन सभी बीमारियों से छुटकारा पाना है तो सद्भक्ति कीजिए और नशे जैसी बुरी लत से भी छुटकारा पाइए वर्तमान में सद्भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं उनकी शरण ग्रहण कीजिए और अपना मानव जीवन कल्याण कराइए

सद्भक्ति से हो सकता है कोरोना का खात्मा

यदि आप शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति करोगे तो कोरोनावायरस ना का बाप भी भागेगा वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही उस शास्त्रों से अनुकूलित भक्ति को बता रहे हैं
अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे

Tuesday, May 5, 2020

सत भक्ति से कोरोना का खात्मा

वर्तमान में चल रही महामारी कोरोना का इलाज केवल संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई हुई सद्भक्ति से ही संभव है क्योंकि वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही सब शास्त्रों द्वारा ज्ञान बता रहे हैं इसलिए वहीं इस महामारी से छुटकारा दिला सकते हैं
अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे

Dowry is a curse

दहेज  एक अभिशाप है Dowry is a curse दहेज समाज के लिए एक बहुत ही बडी सामाजिक कुरुति का भाग है। 👉👉बेटी के विवाह में बड़ी बारात का...