सत भक्ति करने से मनुष्य सुखी रहता है और उन्हें पूर्ण परमात्मा के बारे में पता चलता है कि परमात्मा कैसा है कहां रहता है और किसने देखा है परमात्मा के बारे में जानने के लिए सद्भक्ति करना आवश्यक है
उसके लिए सर्वप्रथम हमने सद्गुरु बनाना चाहिए जो हमें शास्त्रों के अनुकूलित भक्ति बताता हूं और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही एक ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुकूल भक्ति बता रहे हैं इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति विधि को अपनाकर अपना मनुष्य जीवन सफल बनाएं जिससे कि आप 8400000 योनियों में से निकल कर अपना जीवन सफल बना सके और अपनी आत्मा को जहां से आई है वहां पहुंचा सकें जिससे कि आप अलग-अलग योनियों में ना भेजें जैसे कुत्ता सूअर गधा बंदर आदि इसलिए आप सभी से निवेदन है कि आप सभी सद्भक्ति करके अपना मानुष जन्म पार करें क्योंकि कबीर साहिब जी कहते हैं कि मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्थर टूट गिरे बहुर ना लगता डार अर्थात मनुष्य जन्म बहुत ही दुर्लभ है यह बार-बार नहीं मिलता है जिस प्रकार पेड़ से एक बार पत्थर टूट कर गिर जाता है उसी प्रकार मनुष्य जन्म अगर एक बार बैठ चला गया तो दोबारा नहीं मिलता है
उसके लिए सर्वप्रथम हमने सद्गुरु बनाना चाहिए जो हमें शास्त्रों के अनुकूलित भक्ति बताता हूं और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही एक ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुकूल भक्ति बता रहे हैं इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति विधि को अपनाकर अपना मनुष्य जीवन सफल बनाएं जिससे कि आप 8400000 योनियों में से निकल कर अपना जीवन सफल बना सके और अपनी आत्मा को जहां से आई है वहां पहुंचा सकें जिससे कि आप अलग-अलग योनियों में ना भेजें जैसे कुत्ता सूअर गधा बंदर आदि इसलिए आप सभी से निवेदन है कि आप सभी सद्भक्ति करके अपना मानुष जन्म पार करें क्योंकि कबीर साहिब जी कहते हैं कि मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्थर टूट गिरे बहुर ना लगता डार अर्थात मनुष्य जन्म बहुत ही दुर्लभ है यह बार-बार नहीं मिलता है जिस प्रकार पेड़ से एक बार पत्थर टूट कर गिर जाता है उसी प्रकार मनुष्य जन्म अगर एक बार बैठ चला गया तो दोबारा नहीं मिलता है
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