Tuesday, May 12, 2020

वास्तविक परमात्मा कौन है

कबीर परमात्मा किन किन को मिले

हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा जो सारी सृष्टि का मालिक है और जिन्होंने हम सभी जीवो को उत्पन्न किया है वह कबीर जी हैं आप अचानक यह जानकर सोच में पड़ रहे होंगे कि कबीर जी तो एक कवि थे और एक संत थे तो वह परमात्मा कैसे हो सकते हैं तो आपके लिए बता दें कि पूर्ण परमात्मा हर युग में आता है और अपनी लीला करके अपना ज्ञान बता कर कुछ पुण्य आत्मा को सतलोक ( ऐसा स्थान  जिसमे पूर्ण परमात्मा अपने स्वरूप में बैठे हुए हैं और जहां से सभी हंस आत्माएं  इस लोक में आई हैं ) के दर्शन करा कर उनकी दिव्य दृष्टि खोलकर चले जाते है और उसी युग में फिर अपना प्रचारक अथवा तत्वदर्शी संत भेजकर अपनी लीला को पूरी करते हैं ऐसे ही है कबीर परमात्मा जो 1398 में काशी में लहरतारा नामक  तालाब के किनारे अवतरित हुए और नीरू और नीमा नामक 2 जुलाहों ने  उनकी परवरिश की । और उनके पृथ्वी से सतलोक जाने पर उनका शरीर साथ  ही चला गया  क्योंकि पूर्ण परमात्मा सशरीर आते  हैं और शशरीर ही चले जाते हैं इस प्रकार ही कबीर जी का सतलोक जाने के पश्चात शरीर ही चला गया उनके सतलोक गमन के उपरांत उनके शरीर के स्थान पर फूल ही फूल रह गए इसका प्रमाण मगहर में है आप देख सकते है
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शास्त्रों में प्रमाण

हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है जो कि सभी धर्म ग्रंथों के हिसाब से एक ही शुद्ध साबित होते हैं जैसे कि बाइबल के  अनुसार पूर्ण परमात्मा जिन्होंने इस सृष्टि की 6 दिन में रचना की और सातवें दिन विश्राम किया और कुरान के अनुसार सूरत फुरकान 25 आयत 52 से 59 में उस अल्लाह का जिक्र किया गया है जो कि किसी बाख़बर  ( वर्तमान में बाखबर केवल संत रामपाल जी महाराज हैं ) के द्वारा ही बताया जा सकता है और पवित्र चारों वेदों में जिनका जिक्र किया गया है वही कबीर परमात्मा है और श्रीमद् भगवत गीता में 18 अध्याय के 66 वे  श्लोक में जिस परमेश्वर की शरण में श्री कृष्ण अर्जुन से जाने को कह रहे हैं वही वास्तविक कबीर परमात्मा है


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पूर्ण परमात्मा की लीला

पूर्ण परमात्मा इस सृष्टि पर आकर अपना ज्ञान फैलाते हैं और शिशु रूप में आकर अपने पुण्य कर्मी आत्माओं को दर्शन देकर उनका ज्ञान योग खोल देते हैं जिससे कि उन्हें अपना जन्म मरण के बारे में पता चल सके और पूर्ण परमात्मा मोक्ष का पूरा विवरण बताते हैं जो कि उनके जाने के बाद कोई तत्वदर्शी संत ही बता सकता है जिसका जिक्र गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 तक किया गया है इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि आप उस बाखबर को पहचाने अर्थात उस तत्वदर्शी संत को पहचाने जिसका उल्लेख गीता जी में किया गया है आज के लिए बस इतना ही आप सभी से प्रार्थना है कि इन बातों पर जरूर अमल करें अर्थात आप अपने शास्त्रों से जरूर मिलान करें जिससे कि आपका मनुष्य जन्म व्यर्थ ना जाए और उस तत्वदर्शी संत की खोज करें जो पूर्ण परमात्मा पाने का रास्ता हमें बताता है


Friday, May 8, 2020

सत्य भक्ति क्या है

शास्त्रों में प्रमाण 

सत्यभक्ति,जीने की राह
सत्यभक्ति



शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति ही सही है जो महापुरुष शास्त्रों से हमें प्रमाणित सद्भक्ति बताते हैं वही सच्चे संत कहलाते हैं पूर्ण परमात्मा को शास्त्रों से बताने वाले मनुष्य अर्थात महापुरुष को ही तत्वदर्शी संत कहा जाता है जो हमें पूर्ण परमात्मा तक पहुंचाता है आपको जानकर हैरानी होगी कि पूर्ण परमात्मा जो शास्त्रों से प्रमाणित है वह कबीर परमात्मा है जिसे संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित कर दिया है जो शास्त्रों से मिलान कर दिया है और आप समझोगे कि सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों में भी कबीर साहेब को ही परमात्मा बताया गया है आप अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे
साधना चैंनल,
सत्यभक्ति


मनुष्य जीवन को अगर सफल बनाना है तो सद्भक्ति कीजिए जो कि हमारे शास्त्रों में प्रमाण है तो बताई गई भक्ति है जिसमें आप अपने मनुष्य जीवन को व्यर्थ नहीं जाने दोगे अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक जीने की राह जरूर जिससे कि आपको पता चले कि अब मनुष्य जन्म क्यों हुआ है और हमें जन्म देने और मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है हमारी जन्म और मृत्यु क्यों होती है हमारी आत्मा मरने के बाद कहां जाती है ऐसे बहुत से प्रश्नों के उत्तर जाने इस पुस्तक में जो आपको नीचे लिंक में दी जा रही है

Book link-

जीने की राह,way of living
जीने-की-राह

https://www.jagatgururampalji.org/jeene-ki-rah.pdf






Thursday, May 7, 2020

मांस खाना पाप है


मांस खाने से परमात्मा की प्राप्ति असंभव 

मांस
                               मांस-खाना-पाप

मांस खाने से  परमात्मा-कबीर की प्राप्ति नहीं हो सकती क्योंकि मांस खाना परमात्मा ने नहीं सिखाया परमात्मा की सभी प्यारी आत्माएं होती हैं जिनको अलग अलग तरीके से खाने का प्रबंधन किया है परमात्मा ने मनुष्यों खाने के लिए छोटे छोटे बीजदार फल दिए हैं जिनको खाकर मनुष्य अपने जीवन निर्वाह कर सकता है और मनुष्य केवल भक्ति के लिये ही प्राण धारी शरीर धारण करता है वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के द्वारा बताएं वह ज्ञान से मनुष्य सभी बुराइयों को त्याग रहा है इसलिए आप जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करें और अपना मानव जीवन सफल बनाएं

परमात्मा कौन है

शास्त्रों से प्रमाणित 

Who is real god,who is god
Who is real god




   प्रमाण -        www.jagatgururampalji.org


           शास्त्रों में बताया गया है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है जिन्होंने 6 दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन अपने निजधाम अर्थात सतलोक में जा विराजे परमात्मा वह होता है जो हमेशा अपने बच्चों पर दया करता है परमात्मा अपनी पुण्य आत्मा को अपने पास बुलाने के लिए अपना संदेश वाहक भेजता है जो संत के रूप में प्रसिद्ध होता है वर्तमान में वह संदेशवाहक अर्थात वह संत और कोई नहीं बल्कि संत रामपाल_जी महाराज हैं जो शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बता रहे हैं

Wednesday, May 6, 2020

सद्भक्ति के फायदे

सत भक्ति करने से मनुष्य सुखी रहता है और उन्हें पूर्ण परमात्मा के बारे में पता चलता है कि परमात्मा कैसा है कहां रहता है और किसने देखा है परमात्मा के बारे में जानने के लिए सद्भक्ति करना आवश्यक है

उसके लिए सर्वप्रथम हमने सद्गुरु बनाना चाहिए जो हमें शास्त्रों के अनुकूलित भक्ति बताता हूं और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही एक ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुकूल भक्ति बता रहे हैं इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति विधि को अपनाकर अपना मनुष्य जीवन सफल बनाएं जिससे कि आप 8400000 योनियों में से निकल कर अपना जीवन सफल बना सके और अपनी आत्मा को जहां से आई है वहां पहुंचा सकें जिससे कि आप अलग-अलग योनियों में ना भेजें जैसे कुत्ता सूअर गधा बंदर आदि इसलिए आप सभी से निवेदन है कि आप सभी सद्भक्ति करके अपना मानुष जन्म पार करें क्योंकि कबीर साहिब जी कहते हैं कि मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्थर टूट गिरे बहुर ना लगता डार अर्थात मनुष्य जन्म बहुत ही दुर्लभ है यह बार-बार नहीं मिलता है जिस प्रकार पेड़ से एक बार पत्थर टूट कर गिर जाता है उसी प्रकार मनुष्य जन्म अगर एक बार बैठ चला गया तो दोबारा नहीं मिलता है

नशे से होती हैं कई प्रकार की हानियां

नशे से मनुष्य का जन्म व्यर्थ जाता है जो मनुष्य नशे की लत से चूर हो जाता है वह मनुष्य नरक के समान जीवन जीता है
 
नशा ऐसा होता है जो मनुष्य को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से और कईयों प्रकार से दुख देता है इसलिए इस नशे को त्यागो और अपना मानव जीवन सफल बनाओ वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे जीवन को सुधारने का बीड़ा उठा रहे हैं आप भी उसमें शामिल होकर अपना मानव जीवन कल्याण कराओ

नशा नाश का कारण है

जो व्यक्ति नशा करता है वह इन बातों को अवश्य जान ले
1. वह शरीर का नुकसान कर रहा है

2.वह इंसान अपने परिवार को अंधेरे में डाल रहा है

3. वे अपने शरीर में बहुत सी बीमारियों को पाल रहा है

अगर इन सभी बीमारियों से छुटकारा पाना है तो सद्भक्ति कीजिए और नशे जैसी बुरी लत से भी छुटकारा पाइए वर्तमान में सद्भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं उनकी शरण ग्रहण कीजिए और अपना मानव जीवन कल्याण कराइए

Dowry is a curse

दहेज  एक अभिशाप है Dowry is a curse दहेज समाज के लिए एक बहुत ही बडी सामाजिक कुरुति का भाग है। 👉👉बेटी के विवाह में बड़ी बारात का...