कबीर परमात्मा किन किन को मिले
हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा जो सारी सृष्टि का मालिक है और जिन्होंने हम सभी जीवो को उत्पन्न किया है वह कबीर जी हैं आप अचानक यह जानकर सोच में पड़ रहे होंगे कि कबीर जी तो एक कवि थे और एक संत थे तो वह परमात्मा कैसे हो सकते हैं तो आपके लिए बता दें कि पूर्ण परमात्मा हर युग में आता है और अपनी लीला करके अपना ज्ञान बता कर कुछ पुण्य आत्मा को सतलोक ( ऐसा स्थान जिसमे पूर्ण परमात्मा अपने स्वरूप में बैठे हुए हैं और जहां से सभी हंस आत्माएं इस लोक में आई हैं ) के दर्शन करा कर उनकी दिव्य दृष्टि खोलकर चले जाते है और उसी युग में फिर अपना प्रचारक अथवा तत्वदर्शी संत भेजकर अपनी लीला को पूरी करते हैं ऐसे ही है कबीर परमात्मा जो 1398 में काशी में लहरतारा नामक तालाब के किनारे अवतरित हुए और नीरू और नीमा नामक 2 जुलाहों ने उनकी परवरिश की । और उनके पृथ्वी से सतलोक जाने पर उनका शरीर साथ ही चला गया क्योंकि पूर्ण परमात्मा सशरीर आते हैं और शशरीर ही चले जाते हैं इस प्रकार ही कबीर जी का सतलोक जाने के पश्चात शरीर ही चला गया उनके सतलोक गमन के उपरांत उनके शरीर के स्थान पर फूल ही फूल रह गए इसका प्रमाण मगहर में है आप देख सकते है
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वास्तविक परमात्मा कौन है |
शास्त्रों में प्रमाण
हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है जो कि सभी धर्म ग्रंथों के हिसाब से एक ही शुद्ध साबित होते हैं जैसे कि बाइबल के अनुसार पूर्ण परमात्मा जिन्होंने इस सृष्टि की 6 दिन में रचना की और सातवें दिन विश्राम किया और कुरान के अनुसार सूरत फुरकान 25 आयत 52 से 59 में उस अल्लाह का जिक्र किया गया है जो कि किसी बाख़बर ( वर्तमान में बाखबर केवल संत रामपाल जी महाराज हैं ) के द्वारा ही बताया जा सकता है और पवित्र चारों वेदों में जिनका जिक्र किया गया है वही कबीर परमात्मा है और श्रीमद् भगवत गीता में 18 अध्याय के 66 वे श्लोक में जिस परमेश्वर की शरण में श्री कृष्ण अर्जुन से जाने को कह रहे हैं वही वास्तविक कबीर परमात्मा है
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वास्तविक परमात्मा कौन है |
पूर्ण परमात्मा की लीला
पूर्ण परमात्मा इस सृष्टि पर आकर अपना ज्ञान फैलाते हैं और शिशु रूप में आकर अपने पुण्य कर्मी आत्माओं को दर्शन देकर उनका ज्ञान योग खोल देते हैं जिससे कि उन्हें अपना जन्म मरण के बारे में पता चल सके और पूर्ण परमात्मा मोक्ष का पूरा विवरण बताते हैं जो कि उनके जाने के बाद कोई तत्वदर्शी संत ही बता सकता है जिसका जिक्र गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 तक किया गया है इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि आप उस बाखबर को पहचाने अर्थात उस तत्वदर्शी संत को पहचाने जिसका उल्लेख गीता जी में किया गया है आज के लिए बस इतना ही आप सभी से प्रार्थना है कि इन बातों पर जरूर अमल करें अर्थात आप अपने शास्त्रों से जरूर मिलान करें जिससे कि आपका मनुष्य जन्म व्यर्थ ना जाए और उस तत्वदर्शी संत की खोज करें जो पूर्ण परमात्मा पाने का रास्ता हमें बताता है
परमात्मा कौन हैं? स्वयं में परमात्मा की झलक कैसे पाए?–
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